List of Amendment of Indian constitution in hindi - भारतीय संविधान के प्रमुख संशोधन हिंदी में | Learn Exams Today

 

amendment of Indian constitution in hindi

भारतीय संविधान के महत्व पूर्ण संशोधन ( The Amedment of indian constitution in Hindi )  के बारे में आपको एक बार जान लेना जरुरी हो जाता है क्यों की यह आपका प्रमाण है की आप एक असली भारतीय हो और अपने देश के कानून और उसके संविधान के बारे में बहुत अच्छे तरीके से जानते हो , इसके अलावा अगर आप और किसी की भी जैसे की UPSC या फिर और किसी की तेयारी कर रहे हो तो यह आपके लिए बहुत फायेदेमंद हो जाता है , इस लिए आज के इस ब्लॉग में मैं आपको बताने जा रहा हु भारतीय संविधान के महत्व पूर्ण संशोधन हिंदी में ( amedment of indian constitution with PDF in hindi  )


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प्रमुख सविधान संशोधन 

संशोधन

पहला सविधान संशोधन (१९५१ )

सभी मौलिक अधिकारों में समानता , स्वत्रंता ,और सम्पति के अधिकार को सिमित करना |

दूसरा सविधान संशोधन (१९५२ )

संसद में राज्यों के प्रतिनिधित्व को निर्धारित करना |

सातवा सविधान संशोधन ( १९५६ )

राज्यों का पुनर्गठन , और 6 केंद्र शासित प्रदेशो का |

दशवा सविधान संशोधन ( १९६१ ) 

दादरा और नगर हवेली को भारत का हिस्सा मानना  |

१२ सविधान संशोधन (१९६२ ) 

गोवा और दमन दिव को भारत में मिलाना|


१४ सविधान संधोधन ( १९६२ ) 

नागालैंड को भारत का नया राज्य घोषित करना विशेष बातो के साथ  |

१४ सविधा न संशोधन (१९६२ ) 

पुदुचेरी को भारत का अंग बनाना  |

१५ सविधान संशोधन 

उच्च न्यायालय के न्यायधीश की सेवा निव्रती ६० से ६२ साल करना |

२६ वा सविधान संशोधन (१९७१ ) 

राजाओं के प्रिवीपर्स और विशेअधिकार ख़त्म करना |


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३१ वा संविधान संसोधन ( १९७३ ) 

लोक सभा की सदस्य संख्या ५२५ से लेकर ५४५ तक हो गई | 

३६ वा सविधान संशोधन ( १९७५ ) 

सिक्किम को नया राज्य बनाना और सविधान की पहली अनुसूची के शामिल करना  |

३९ वा संविधान संशोधन ( १९७५ ) 

राष्ट्र पति , उप राष्ट्र पति , लोक सभा अध्यक्ष , प्रधान मंत्री की निर्वाचन को चुनोती दी जाती है  | 

४२ वा संविधान संशोधन ( १९७६ ) 

सविधान की प्रस्तावना में सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न भारत , लोकतांत्रिक गण राज्य , , पंध निरपेक्ष , समाजवादी , राष्ट्र की एकता , के साथ अखंडता शब्दों को जोड़ा गया  | 


राज्य के निति -निर्देशक तत्वों का विस्तार किया गया |  साथ ही में इसमें मौलिक अधिकारों को भी प्राथमिकता दी गयी | 


सविधान संशोधनों  को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती |


मौलिक कर्तव्यो का समावेश |


राष्ट्रपति मंत्री मंडल की सलाह मानने की लिए बाध्य 


आपातकालीन स्थिति में पुरे देश में राष्ट्रपति साथ -साथ देश के किसी भी भाग में अनुच्छेद - 352 के तहत आपात की घोषणा कर सकेगा | 


राज्यों में आपात की अवधी 6 month to 1 year तक की गयी है  | 

४४ वा संविधान संशोधन ( १९७८ ) 

समवर्ती सूचि में जोड़े गए -वन्य जीव ,प्राणी की सुरक्षा , न्यायिक प्रशासन . जनसँख्या नियंत्रण परिवार नियोजन , शिक्षा , बाँट और माप | 


जीवन और व्यक्तिगत की स्वतंत्रता , प्रेस की स्वतंत्रता , को सुनिश्चित किया गया है  | सम्पति की अधिकार को मौलिक अधिकारों की सूचि में समाप्त कर इसे केवल विविध अधिकार की बनाया गया है  | 


सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में आपात की घोषणा मंत्रिमंडल लिखित सलाह पर दी जायेगी  | 

५३ वा संविधान संशोधन ( 1986 ) 

मिजोरम को भारत संघ का 23 वा राज्य का दर्जा दिया गिया था  | 

55 वा संविधान संशोधन ( 1987 ) 

अरुणाचल प्रदेश को भारत संघ का  24 वा राज्य बनाना  | 

56 वा संविधान संशोधन ( 1987) 

गोवा को भारत संघ का 25 वा राज्य बनाना | 

58 वा संविधान संशोधन ( 1987 ) 

भारतीय हिंदी संविधान को हिंदी में प्राधिकृत रूप का प्रावधान देना  | 

59 वा संविधान संशोधन ( 1988 ) 

पंजाब का राष्ट्रपति शासक तिन साल तक कर देना  | 


केंद्र पंजाब में आतंरिक अशांति के आधार पर आपात की घोषणा कर सकता है  | 


अनुच्छेद - 21 के तहत व्यक्तिगत स्वतंत्रता तथा जीवन का अधिकार केवल राष्ट्रपति ही निलंबित कर सकता है  | 


69 वा संविधान संशोधन ( 1989 ) 

लोक सभा और विधान सभा के मतदाताओ  की आयु 21 से 18 साल की गयी है  |


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63 वा संविधान संशोधन ( 1989 ) 

पंजाब में आपात काल के दौरान रद्द किये जाने वाले व्यक्तिगत स्वतंत्रता और जीवन के अधिकार को रद्द नहीं किया जाएगा |


69 वा संविधा न संशोधन ( 1991 ) 

केन्द्रशासित प्रदेश दिल्ली का नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र किया गया  |

दिल्ली में 70 सदस्यों वाली विधानसभा और 7 सदस्यों वाली मंत्री परिषद् बनाई जायेगी  | 

70 वा संविधान संशोधन ( 1992 ) 

दिल्ली विधानसभा और पुदुचेरी विधानसभा को राष्ट्रपति के निर्वाचन में भाग लेने का अधिकार प्रदान किया गया  |

73 वा संविधान संसोधन ( 1992 ) 

पंचायेती राज को संवेधानी दर्ज़ा दिया गया, और इसे संविधान की 11 वी सूचि में जोड़ा गया  \ 

74 वा संविधान संसोधन ( 1992 ) 

नगर पालिका व्यवस्था को संवैधानिक दर्ज़ा दिया गया  | और इसे संविधान की 12 वी सूचि में जोड़ा गया  | 

84 वा संविधान संसोधन ( 2001 ) 

1991 की जनगणना के अनुसार राज्यों की लोकसभा और विधान सभा की सीटों की संख्या में परिवर्तन किये बिना निर्वाचन क्षेत्रो को पुनर गठन करना  | 

85 वा संविधान संशोधन  ( 2001 ) 

सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति और जन जाति के उम्मीद वारो के लिए पदोन्नति के लिए आरक्षण की व्यवस्था 

86 वा संविधान संशोधन  ( 2002  ) 

संविधान के अनुच्छेद -21  ( क ) ४५ , 51 ( क ) को जोड़ा गया  | 

राज्य द्वारा 6 से 14 साल के बच्चो के लिए नि शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान किया गया  | 

87 वा संविधान संशोधन ( 2003 ) 

परिसीमन में जनसँख्या के आधार पर १९९१ के शतं पर 2001 कर दी गयी  | 

88 वा संविधान संशोधन ( 2003 ) 

सेवाओं पर कर का प्रावधान किया गया  | 

92 वा संविधान संशोधन  ( 2005 ) 

डोगरी , मैथिलि , बोडो , और संथाली , के भाषाओ को आठवी अनुसूची के शामिल किया गया  | 

93 वा संविधान संशोधन ( 2005 ) 

निजी और बिना सरकारी अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश पर सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए 25 % आरक्षण का प्रावधान  | 


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94 वा संविधान  संशोधन ( 2006 ) 

अनुसूचित जनजातियो के कल्याण के लिए एक मंत्री का प्रावधान मध्य प्रदेश और ओडिशा में साथ -साथ  छातीश गढ़ और झारखंड में की किया गया है  , और इससे  बाध्य बिहार को इससे मुक्त किया गया है  | 

95 वा संविधान संशोधन ( 2009 ) 

अनुसूचित जाति और जन जाति के आरक्षण की अवधी लोक सभा और विधान सभा के लिए 60 साल से बढाकर 70 कर दी गयी है  | 

96 वा संविधान संशोधन ( 2011 ) 

उड़िया भाषा को ओडिया में परिवर्तन कर दिया गया है  | 

97 वा संविधान संशोधन ( 2011) 

सहकारी समिति नाम से एक नया भाग जोड़ा गया है , सहकारी समिति बनाने के अधिकार को मौलिक अधिकार बना दिया गया है  | 

98 वा संविधान संशोधन ( 2012) 

हैदराबाद और कर्नाटक के क्षेत्रो के विकास के लिए कर्नाटक के राज्यपाल की शक्ति यो का विस्तार किया गया है  | 

99 वा संविधान संशोधन ( २०१३ ) 

सर्वोच्य न्यायालय और उच्च न्यायालय में जजों की नियुक्ति और स्थानान्त्ररण के लिए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग की स्थापना की गयी  | 

100 वा संविधान संशोधन ( २०१५ ) 

भारत और बांगला देश में मध्य भूमि हस्तानान्तरण से सम्बंधित | 

101 वा संविधान संशोधन ( २०१६ ) 

भारत के सकल कर व्यवस्था वस्तु और सेवा कर अपनाने के लिए GST का प्रावधान किया गया  | 

102 वा संविधान संशोधन  ( २०१८ ) 

पिछड़ा वर्ग आयोग के लिए सवैधानिक दर्ज़ा दिया गया  | 

103 वा संविधान संशोधन २०१८ ) 

समाज में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गो के लिए 10% आरक्षण प्रदान किया गया  | 

104 वा संविधान संधोधन ( २०१९ ) 

अनुसूचित जन जाति और जाति के लोक सभा की अवधि 10  साल तक बाधा दिया गया है  |  इसके अलावा एंग्लो इंडियन को नामित करने का प्रावधान समाप्त किया गया है  | 

105 वा संविधान संशोधन ( २०२१ ) 

सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गो की पहचान को उत्ल्लिखित करने के लिए राज्यों की शक्तियों को भी बढाया गया है  | 








हम आशा करते है की आपको इस पोस्ट के जरिये bharat ke mahatvpurn sanshodhan hindi me ( भारत के प्रमुख संविधान हिंदी में ) में आपको बहुत अच्छी तरह से जानकारी मिल गयी होगी , और इसके अलावा अगर आप और किसी एक्साम्स की तेयारिया कर रही है तो यह स्थान आपके लिए बहुत अच्छा साबित हो सकता है , क्यों की यहाँ पर आपको मिलेंगे बहुत से ऐसे सवालो की जानकारिय जो की आपको बहुत  मदद गार लगेंगी |


Satya Pal

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